हरीश रावत जी के नाम खुला पत्र।
आज आपकी बड़ी मार्मिक पोस्ट देखी, ऐसा समय भगवान किसी को ना दिखाए। आपने कहा आपके पिता के कारण के लिए आपकी माता जी आपका हाथ पकड़कर इधर-उधर गई तब इंतज़ाम हुआ।ईश्वर आपको पिता जी की आत्मा को शांति दे । आपके पिता जी की आत्मा आज बड़ी प्रधान होती होगी जब देखती होगी कि मेरे बेरोज़गार बेटे के बेरोज़गार पोते ने लोकसभा चुनाव में 10 करोड़ की सम्पति की घोषणा की । इस से सुखद अनुभूति उन्हें कोई हो नहीं सकती ।
आइये आपके बारे में थोड़ा प्रकाश डाल दूँ। आपके बारे में कहा जाता है कि आप जिसके कंधे पर हाथ रख दे उसे कई महीने बाद पता चलता है कि कंधे पर ज़ख़्म हो गया।आपने उत्तराखण्ड में सिर्फ़ कांग्रेस को नुक़सान पहुँचाने की राजनीति
वहीं पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर ने भी आपके लिए गजब का ट्वीट किया था हरीश रावत जी ।।
अमरिंदर ने कहा था-आप जो बोते हो ,वही काटते हो। ऑल द बेस्ट!!
गजब की दवाब की राजनीति खेलते हो हरीश रावत साहब। दरअसल आपकी इस राजनीति के पीछे का खेल यही है कि देवेन्द्र यादव को आप प्रदेश प्रभारी से हटवाना चाहते हैं ताकि आपके लिए टिकट बंटवारे का रास्ता खुल सके और मनमर्जी से टिकट बांटे ,अपने सगे सम्बन्धियों ,भाई भतीजों , खनन माफिया ,शराब माफियाओं को जमकर टिकट बांट सकें ।
हरीश रावत जी , मैंने बड़े-बड़े देखे पर आपसे बड़ा नहीं देखा ।
हरदा मेरी चिंता मत किया करो, मेरा क्या मैं तो संघर्ष करने वाला इंसान हूँ , 65 घंटे बीमार हालत में ट्रेन में नीचे लेटकर झारखंड जेल जाने और छूटने का साहस रखता हूँ।
मैं चुप रहता हूँ कि बुजुर्ग नेता हैं लेकिन आप जबरन अंगुली करते हो। मुझे लिखने के लिए विवश करते हो।
आप मेरे बारे में कहते हो कि 2017 में उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार मेरे गर्भ से पैदा हुई। अरे । आपकी सरकार का गर्भपात भी तो मेरे ही स्टिंग से हुआ था औऱ त्रिवेन्द्र सरकार का गर्भपात भी।
जब ज्यादा गर्म चीजें खाओगे , प्रदेश को बेचने का काम करोगे , प्रदेश का सौदा करोगे । जनता के पैंसे को आंखे बंद करके लुटवाओगे तो ऐसी सरकारों का गर्भपात होना लाजमी है।
आपने तो डेनिस बेची, खनन के सबसे बड़े संरक्षक आप थे । आप उत्तराखंड के सबसे बड़े हितेषी होने का दम्भ भरते है ,उतराखण्डियत की बात करते हो!!! सच तो ये है हरदा कि इस राज्य के आप हितैषी हो ही नही । आपने ऐसा कौन सा धंधा इस राज्य में नहीं पनपाया जिस से इस राज्य की जड़ों में ज़हर ना घोला जा सके । बार-बार आपको नज़र अन्दाज़ करता हूँ लेकिन आप जानकर मेरे उँगली करते हो औऱ मुझे लिखने के लिए विवश करते हो।
खाओ आप बद्री-केदार की क़सम , क्या आपने मुझसे विधायकों सौदा नहीं किया था ? खाओ क़सम, क्या आपने मुझे सारे लालच नहीं दिए थे ? खाओ क़सम की आप सत्ता के लालची नहीं हो ?
जहँ–जहँ पाँव पड़े सन्तन के तहँ –तहँ होवै बन्टाधार !! ये कहावत आप पर फिट बैठती है।
आज आपकी वजह से पंजाब से लेकर असम में कॉंग्रेस का बण्ठाधार हो गया है । यही नहीं उत्तराखण्ड में कॉंग्रेस के जो कभी बड़े चेहरे थे विजय बहुगुणा , हरक सिंह रावत , सुबोध उनियाल , अन्य भी लोग , सबको आपने कॉंग्रेस छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
क्या भूल गए 2005 की तिवाड़ी सरकार को जब आप दिन रात अपनी ही कॉंग्रेस सरकार गिराने का षड्यंत्र रचते थे। जब किशोर उपाध्याय के कंधे पर बंदूक रखकर गोलियां चलाते थे। लेकिन जब उसी किशोर उपाध्याय को राज्यसभा भेजने की बारी आई तो आपने उनके पर काट दिए। गजब के राजनीतिज्ञ हो । जो किसी भी साथ वाले को पनपने ही नही देना चाहता।
क्योंकि आप वन मैंन आर्मी बनना चाहते हो। एकाधिकार चाहते हो। आप कभी किसी को मगरमच्छ कहते हो ,कभी उज्याडु बल्द कहते हो । आपने तो पूरी कॉंग्रेस को ही उजाड़ दिया।
आप खुद क्या हो बांदर (बंदर) ?? जो कभी दूसरे से छीनकर खाता है , जैसे विजय बहुगुणा से सीएम की कुर्सी छीनी !! कभी अपने ही साथियों को काटने के लिए दौड़ता है जैसे 2016 में ,जब कॉंग्रेस के सारे बड़े चेहरे छोड़कर चले गए। अब एकबार फिर ट्वीट करके आप अपने पक्ष में माहौल बना रहे हो । हरीश रावत जी कहीं आपकी स्थिति कुछ समय बाद यकुलु बांदर (अकेले बंदर) जैसी न हो जाय।
आपने अपने स्वार्थ के चलते हरिद्वार में कांग्रेस ख़त्म की, मैं , मेरी पत्नी , मेरी बेटी , मेरा बेटा , ग़ुलाम है क्या हरिद्वार आपका ? गलती आपकी नहीं हरिद्वार के लोगो की है जो आप पर भरोसा कर बैठते है और आप उनका काटकर चल देते हो।
ये सब लिखने के लिए आप मुझे मजबूर कर देते हो। अपना ख्याल रखिये। मंडुवे की रोटी , गहत की दाल और भंगजीरे की चटनी खाइए। जबरदस्ती अंगुली न किया कीजिये।