बिरजू मयाल का 2020 से मैंने भी खुलकर समर्थन किया , 2020 में इसकी जमानत करायी मैं इसे जानता भी नहीं था ।एक वीडियो मुझे देखने को मिली जिसमे ट्रैफ़िक पुलिवाले ने तुम्हारी बाइक की चाबी निकाल ली थी और तुमने लाइव शुरू कर दिया, इस लाइव को देखने के बाद मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने तत्काल जानकारी प्राप्त की, तो मुझे पता लगा की आप सड़क किनारे खड़े थे और अचानक मुख्य चौराहे पर आती बस के सामने बाइक रोक कर खड़ी कर दी और जाम लगने लगा , ऐसे में बस से कोई हादसा भी हो सकता था , तुम्हे गंभीर चोट भी लग सकती थी, और जब अचानक ट्रैफिक पुलिसवालों ने वहाँ आकर बाइक साइड हटा दी और चाबी निकाल ली , उसी वक्त आपने लाइव शुरू कर दिया और पुलिस पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। अब , बस ये जानना चाहता हूँ , क्या हम इसे अराजकता ना कहे तो क्या कहें ? आपके समर्थन में पूरा राज्य है लेकिन इस अराजकता में नहीं , आप इस तरह के काम करके पुलिस सरकार के ख़िलाफ़ आधा सच छिपाकर और आधा झूठ बताकर अराजकता फैलाओगे तो कैसे चलेगा ? भाई, राज्यहित के काम करो हम साथ में है लेकिन अराजकता में नहीं । आपके साथ जब ग़लत होगा हम साथ खड़े है हमेशा। कोई बात किसी को बुरी लगे तो माफ़ी चाहूँगा।
