हरदा ब्लैकमेलर ब्लैकमेलर चिल्लाने से क्या होगा, अपने गिरेबान में भी झाँक लो ।

by | Nov 20, 2025

हरीश रावत जी , दो दिन पहले मैंने आपके बारे में विस्तार से लिखा था, जिसके बाद आपकी बौखलाहट इतनी बढ़ गई कि आप कोबरा , ब्लैकमेलर ब्लैकमेलर चिल्लाने लगे , खैर, आपका चिल्लाना जायज है क्योंकि मैंने आपको दर्द ऐसी जगह दिया है , जो हर सर्दी में आपको सताने लगता है । आपकी कल की पोस्ट का जवाब दे रहा हूँ ।

आज मैं ब्लैकमेल और “ब्लैकमेलर” शब्द की उदाहरण के साथ व्याख्या करूंगा ।

कहानी लंबी है लेकिन आप जब पढ़ेंगे तो आपको उत्तराखंड के एक ऐसे सफेदपोश के काले कारनामे नजर आएंगे… जिसने उत्तराखंड को न सिर्फ ब्लैकमेल करने का काम किया है बल्कि अपनी पार्टी को भी ब्लैकमेल करके गर्त में पहुंचा दिया।

उत्तराखंड के एक बहुत बड़े राजनीतिज्ञ हैं … नाम है … हरीश रावत।

आप सबको याद दिला दूं कि 2016 में हरीश रावत नाम का व्यक्ति उत्तराखंड में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान था। Oh….. So sorry…!! विराजमान नहीं था… बल्कि छल ,कपट , षड्यंत्र और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को ब्लैकमेल करके मुख्यमंत्री की कुर्सी हथिया कर मुख्यमंत्री बन चुका था।
2013 की आपदा की उस त्रासदी में , मैं , विवेक ओबेरॉय और मेरे अन्य बॉलिवुड, हॉलीवुड के मित्रों द्वारा एक आपदा राहत का बड़ा कैंप चलाया गया था। 48 विधवा महिलाओं के तत्कालीन पुनर्वास और अन्य आपदा राहत मदद जो यथासंभव हो सकता है हमने करने की कोशिश की । उस वक्त न तो सोशल मीडिया था और न ही सामाजिक कार्यों को दिखाने का प्रचलन था। इसलिए मुझ से जब भी जो भी बन पड़ता था मैं करता था।
इधर केदारनाथ में आपदा आई, लांशे पड़ी थी ,लोग बेघर हो गए थे उधर खुद को उत्तराखंड का हितैषी बताने वाला हरदा नाम का व्यक्ति दिल्ली अपने शीर्ष नेतृत्व के घर में चला गया और उन्हें भी ब्लैकमेल करने लगा। हरीश रावत ने अपनी ही कांग्रेस सरकार का सहयोग करने की बजाय अपनी ही कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को हटाकर खुद को मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी करने लगे ।

हरीश रावत छल, कपट, षड्यंत्र करके जैसे ही मुख्यमंत्री बने तो सबसे पहले अपने बेटे के लिए डेनिस ब्रॉड का इंतजाम किया और शराब की बोतलों पर हॉलमार्क लगाने तक के काम अपने बेटों की डमी कंपनियों को दे दिया।
हरीश रावत ने जमकर भ्रष्टाचार करके अपने बेटों के लिए करोड़ों की संपत्ति जोड़ने का ही काम किया।
मुझसे मेरी संपति के बारे में पूछते हो कि कहां से आई…? तो सुनो … मेरी तो ईडी, सीबीआई, फेमा, इनकम टैक्स सब जांच कर चुके हैं। अब हरीश रावत के बेटों की भी ईडी जांच होनी चाहिए।
2016 में अपनी आँखें बंद करके उत्तराखंड का सौदा करने वाले मुख्यमंत्री हरीश रावत से बड़ा ब्लैकमेलर कौन हो सकता है?
जो व्यक्ति अपने प्रदेश का सौदा कर रहा था , विभागों में भ्रष्टाचार करके पैसे लूटने की बात कर रहा था। विधायकों की खरीद फरोख्त की बात कर रहा था।

सोचिए! 35 वर्षों तक हरीश रावत के साथ साए की तरह रहने वाले रणजीत रावत ने क्यों किनारा किया? क्यों गंभीर आरोप लगाए।

कोई भी व्यक्ति ब्लैकमेल तभी होता है जब उसने कुछ काला कारनामा किया हो? आखिर हरीश रावत ने ऐसे कौन कौन से काले कारनामे किए हैं जो ब्लैकमेल हुए?

हरीश रावत सरकार में आखिर कद्दावर नेताओं को कांग्रेस क्यों छोड़नी पड़ी ? क्योंकि हरीश रावत ,एकला चलो की राजनीति करने वाले व्यक्ति हैं ।
बस… मैं और मेरा परिवार तक ही हरीश रावत की राजनीति सिमटी हुई है।
पत्नी ,बेटी , बेटे सबको टिकट चाहिए ।
कांग्रेस को गर्त में पहुंचाने वाले हरीश रावत की लालसा देखिए .. अब धर्मपुर सीट से बूथ एजेंट बनना चाहते हैं ताकि धर्मपुर से टिकट हथिया लें।
अब कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी इस बात को समझ चुका है इसीलिए पार्टी ने भी हरीश रावत से किनारा कर लिया है।

जनता को इमोशनल ब्लैकमेल करने वाले हरीश रावत गेंठी खाकर कोई उत्तराखंडी नहीं बन जाता ।
हरीश रावत की मुख्यमंत्री रहते हुए एक भी उपलब्धि बता दो जो उत्तराखंड के हित में हो। अरे डेनिस का व्यापारी उत्तराखंड का क्या हित कर पाएगा?