हरीश रावत जी का गैरसैंण प्रेम भी तब झलकता है जब वहां से माल्टे और संतरे आते हैं। वैसे भी आप कोई भी चीज बिना स्वार्थ नहीं करते। जब सालभर में एकबार माल्टे आयेंगे तब ही आप गैरसैंण को लेकर विलाप करोगे वैसे गैरसैंण को नेपथ्य में डालने वाले भी तो आप ही हैं। भूल गए या याद दिला दूं ? जब आपके मुख्यमंत्री रहते सारे विधायक गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने पर राजी थे सिवाय आपके ? खुद को गाद गदेरों का नेता कहलवाने वाले हरीश रावत ने क्यों नहीं हिम्मत की गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की ? गैरसैण के लिए आपने हमेशा विलाप ही किया पर वहां के लिए कभी कुछ नहीं किया और आप विलाप भी सालभर में मुहूर्त देखकर ही करते हैं। इसलिए आपकी विलापकथा के किस्से ही निराले हैं। राजधानी ,राजधानी आप खूब चिल्लाते रहे पर खुद मुख्यमंत्री रहते हुए गैरसैंण को परमानेंट राजधानी घोषित करने से बचते रहे। क्या इसे दोहरा चरित्र न कहा जाय? आपकी सरकार के समय भी शराब को लेकर खूब घपले घोटाले हुए, प्रसिद्ध शराब ब्रांड डेनिस का भीष्मपितामह कौन है सबको पता है? आपने लोगों को बरगलाया कि स्थानीय माल्टा और संतरों को लेकर वाइन बनाई जाएगी, ये होगा वो होगा। लेकिन हुआ कुछ नहीं। आबकारी नीति को लेकर आपने भी वही किया अन्य ने भी यही किया और आजतक भी ऐसे ही चल रहा है । इसमें आबकारी प्रिय कई नेताओं का इतिहास जनता देख चुकी और आने वालों चेहरों का भी देख ही लेगी। उत्तराखंड के भीतर 18 शराब की फैक्ट्रीयां राज्य में जबरन स्थापित करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से लाइसेंस जारी हुए जिनमे प्रमुख , हिलटॉप, श्रीराम एग्रीवेंचर, ब्लू नाइट्स , हाइलैंड और माँ शीतला देवी है । ये सभी फैक्ट्री पहाड़ के लोगो की आँख में धूल झोंककर उन्हें ये झाँसा देकर लगाई कि ये प्रोसेसिंग प्लांट्स है यहाँ स्थानीय किसानो के फल-फ्रूट का इस्तेमाल करके शराब बनेगी। लेकिन जैसे ही ये फैक्ट्रियां खोली गई तो पता चला कि ये तो बॉटलिंग प्लांट बनाए गए हैं जिनमें न तो पहाड़ों के माल्टे काम आ रहे हैं न स्थानीय युवाओं को काम मिल पा रहा है। इन नेताओं ने पहाड़ पहाड़ी का राग अलापकर अपने लोगो को ही ठगा है । अपने एक-एक नेता के चेहरे याद कीजिए किसी ने भी कभी पहाड़ों के लिए गंभीरता से कोई नीतियां नहीं बनाई। जिसके परिणाम आज सामने हैं । अस्पताल , डॉक्टर, सड़क ,स्कूल , बेरोजगारी यही है पहाड़ों से पलायन की असली बीमारी। जिन पहाड़ी गांवों में आज भी लोग प्रकृति से संघर्ष करके जी रहे हैं वहां भी सरकारी सुविधाएं शून्य हैं। सिर्फ पहाड़ पहाड़ी बोलने से नहीं होगा अगर भाजपा के अंदर भी हिम्मत है तो गैरसैंण को राजधानी बना ले नहीं तो हरीश रावत जी कांग्रेस के शीर्ष नेता होने के कारण सार्वजनिक रूप से घोषणा करें कि जब भी उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार आएगी वो सबसे पहला काम गैरसैंण को राजधानी बनाने का करेगी। वैसे भी अब राजधानी से 50 किलोमीटर की दूरी पर रेलवे का बड़ा स्टेशन बन रहा है। हरीश रावत जी आप पहाड़ी संतरे खाते तो खूब हैं पर आजतक आपने पहाड़ों के संतरों का समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात नहीं की। आज भी पहाड़ी संतरे किसान सात आठ रुपए किलो बेच रहा है। क्या सिर्फ दो चार संतरे हाथ में रखकर विलाप करते हुए वीडियो बनाने से पहाड़ों का भला हो जाएगा ? क्या सिर्फ फेसबुक पर लंबे चौड़े भाषण लिखकर पहाड़ों का भला हो जाएगा ? क्या गेंठी, मूला , आडू,सेब ,संतरे खाने का स्वांग रचाकर और उसके वीडियो बनाकर दिखाने से पहाड़ों का भला हो जाएगा? अगर हरीश रावत सचमुच पहाड़ पुत्र हैं तो अपने पुत्रों समेत गैरसैंण स्थाई राजधानी के लिए भराड़ीसैंण में टेंट लगाकर आंदोलन शुरू कीजिए। मेरा भी पूरा समर्थन है।पर इतनी हिम्मत कहां है आपके अंदर ? इतना प्यार और समर्पण कहां है आपके अंदर? आप तो नकली आदमी हो जो उत्तराखंड की खरीद फरोख्त के लिए आंखे बंद कर देते हो। अब स्टिंग ऑपरेशन से हुए दर्द की बातें गाहे बगागे ऐसे सुनाते हो जैसे आप दया के पात्र हो और आपके साथ नाइंसाफी हुई है। लेकिन जनता की अदालत ने हरीश रावत को उसी दिन बर्खास्त कर दिया था जिस दिन जनता ने हरीश रावत का यह दोहरा चरित्र देखा। मुझे कोई भी कितना भी स्टिंगबाज कह दे अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। कभी जमाने में फर्क पड़ता था पर अब नहीं क्योंकि मैने जो किया सही किया। राज्यहित में किया। जो जनता में ईमानदारी का ढोल पीट रहे थे उनके चेहरे मैने बेनकाब किए । सवाल सिर्फ उमेश कुमार से करोगे ? कि उमेश कुमार के पास इतनी संपत्ति कैसे आई?अपने आस पास के नेताओं से पूछो जरा उनके पास कैसे आई ? हरीश रावत जी आप ही बता दो आपके और आपके परिवार के पास इतनी संपति कहां से आई ? अरे। हमने तो अपनी मेहनत और हुनर से संपति बनाई है । जिसकी जांच ईडी, सीबीआई,फेमा जैसी बड़ी एजेंसी भी कर चुकी हैं और जांच करवाने वाले भी आप लोगों के ही नेता हैं ।क्योंकि मैंने जब इन भ्रष्टाचारियों के स्टिंग किए तो ये बौखला गए । मुझे जेल डालने से लेकर ,मेरी कुर्की करवाने से लेकर सारी जांचे करवाई गई ? क्या हुआ ? क्या मिला उमेश कुमार के पास ? भगवान बद्री केदार की कृपा से उमेश कुमार के पास वही है जो उसने अपनी मेहनत, हुनर और आप लोगों के प्यार से कमाया है। इसके दोस्त हॉलीवुड ,बॉलीवुड , क्रिकेट स्टार, बड़े राजनीतीज्ञ, बिजनेसमैन कैसे हैं? आपको विरोध करना है तो मेरी सोच ,विचार और कार्यशैली को लेकर कहीं कोई भ्रष्टाचार हो तो विरोध कीजिए । मैने कभी किसी गरीब के साथ अन्याय किया हो तो मेरा विरोध कीजिए । लेकिन व्यक्तिगत रूप से विरोध तो आपके मन का भाव है। तो फिर हरीश रावत गैरसैंण स्थाई राजधानी के लिए भराड़ीसैंण में आंदोलन के लिए कब रवानगी होगी ? रास्ते में माल्टे खाते हुए वीडियो जरूर अपलोड कर दीजियेगा।
