‘जर्सी नं. 17’ सिर्फ एक नंबर नहीं,वो जज़्बा है, एक उम्मीद है भारत की आने वाले पीढ़ियों की।

by | Jun 24, 2025

जर्सी नo 17

सुबह 6 बजे फ़ोन घंटी लगातार बज रही थी आँख खुली तो देखा मेरी बड़ी बहन जैसी सरोज पंत जी की कई मिस्ड कॉल थी। मैंने वापस कॉल किया तो बहुत घबरायी हुई बोली भैया ऋषब का एक्सीडेंट हो गया , ये सुनकर मेरा कलेजा काँप गया और मैं तुरंत अकेला ख़ुद गाड़ी चलाकर हॉस्पिटल पहुँच गया, जैसे ही मैंने ऋषभ को देखा तो मेरी रूह काँप गई, हालत देखने और डाक्टर से बात करने के बाद लगा कि जीवन तो बच जाएगा पर ये कभी खेल नहीं पाएगा। आनन फ़ानन में निर्णय लिया गया कि मैक्स हॉस्पिटल देहरादून लेकर जाया जाये, तुरंत एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई और देहरादून के जाया गया। देहरादून मैक्स के सभी डाक्टर तुरंत इलाज पर लग गये , गहन चिकित्सा हेतु मुंबई दिल्ली के डाक्टरों के साथ कांफ्रेंस कॉल शुरू हो गये। मैं जब आईसीयू में जाकर मिला तो मुझे देखकर मुस्कुराया और इशारा किया चिंता मत करो ठीक हो जाऊँगा, उसकी इस मुस्कुराहट को देखकर मेरे चेहरे पर भी मुस्कान आ गई। हॉस्पिटल में नीचे आया तो मीडिया ने घेर लिया और कई सवाल दाग दिये । मुझसे पूछा गया क्या ऋषभ दुबारा खेल पायेंगे तो मैंने जवाब दिया 6 महीने बाद खेलेगा मेरा भाई वैसा ही खेलेगा जैसा अब तक खेलता था। कई डिबेट में बड़े लोगो ने उस पर कई आरोप लगाये सभी को मुँहतोड़ जवाब दिया गया , कई मीडिया वालों ने मुझे ग्रिल करने का प्रयास किया लेकिन कुछ हासिल नहीं कर पाये। सेहत में सुधार आने लगा, कमर पर बहुत ही गंभीर घाव और पैर के लिगामेंट टूट जाने के कारण उसकी आँखों से पता चलता था कि वो कितने गहरे असहनीय दर्द में है। मैं जब डाक्टर से पूछता था कि वापस कह पाएगा तो डाक्टर मुझे देखकर कहता था कि कुछ नहीं कह सकते भगवान पर विश्वास रखिए ये सुनकर मेरी रूह काँप जाती थी, लेकिन भगवान पर भरोसा था। किसी तरह 7 दिन बीत गये तो थोड़ा लगा कि अब एयर एम्बुलेंस के माध्यम से मुंबई के अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है। डाक्टरों की टीम के साथ मुंबई ट्रांसफ़र किया गया। धीरे-धीरे समय बीतने लगा और मेरा भाई ठीक होने लगा। अपने पैरों पर खड़े होने के तुरंत बाद उसने मुझसे कहा, भैया बद्री-केदार के दर्शन जाना है आपने बोल था मेरे ठीक होने के बाद आप मुझे लेकर जाओगे। हम दोनों बाबा बद्री-केदार के दर्शन करने गए। समय बीतता गया और फिर एक बार ऋषभ का नाम सुर्खियों में आया जब आईपीएल 2025 के लिए ऋषभ 27 करोड़ में ऑक्शन हुआ। आईपीएल शुरू , आईपीएल में प्रदर्शन संतोषजनक ना होने के कारण सोशल मीडिया पर ऋषभ के लोगो ने मीम्स बनाने शुरू कर दिए और इस लड़के का मन फिर एक बार टूटने लगा, अपने को फिर तन्हा अकेला महसूस करने लगा, लेकिन कहते है ना जो शेर का कलेजा लेकर पैदा होता है वो कभी टूटता नहीं। विदेश जाने से पहले मेरी जब बात हुई तो मैंने कहा ऋषभ, तुम हमारा गुरूर हो , हमारा सम्मान हो और मुझे तुम पर फ़क्र है , टूटना मत , ऋषभ बीला, भैया आपको कभी शर्मिंदा होने नहीं दूँगा, और उसके बाद बाबा बद्री-केदार की कृपा आज पूरी दुनिया देख रही है। विदेश की धरती पर बैक टू बैक दो शतक लगाकर इतिहास रचने वाला “ऋषभ पंत”क्योंकि जो मृत्यु से जंग से जीत के वापस मैदान पर आया हो उसे दुनिया क्या हराएगी। भगवान तुझे सलामत रखे मेरे शेर।