खुला पत्र माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के नाम।
तीन साल पहले आपके द्वारा मेरी शिकायत पर 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के आदेश दिए थे जिसके के बाद राजनीति में आये भू-चाल को दबाए जाने और पूर्व सीएम व उनके सलाहकार को बचाने की कोशिश पर सवाल उठाते हुए आपको कई बार अवगत कराया कि आपके अधिकारी आरोपियों को बचाने के प्रयास में लगे है लेकिन आपके कानों पर जूं नहीं रेंगी। मैंने आपसे कई बार आग्रह किया कि उक्त प्रकरण जांच ईडी या सीबीआई से करायी जाये लेकिन सरकार पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता । पूरा मामला पुनः आपके संज्ञान में ला रहा हूँ। सोशल म्यूच्यूअल बेनिफिट निधि लिमिटेड नाम की इस कंपनी में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार की पत्नी वर्ष 2017 से 2020 तक बतौर डायरेक्टर रही। वर्तमान में भी उनके ही रिश्तेदार इसमें डायरेक्टर हैं। इस अवधि में कंपनी में फर्जी तरीके से करीब 50 हजार लोगों के नाम से आरडी/एफडी बनाकर उसमें पैसा जमाकर कालेधन को वैध किया गया। उनकी शिकायत पर शासन के निर्देश पर कंपनी की गतिविधियों की जांच (आर्थिक अपराध शाखा) ईओडब्ल्यू को सौंपी गई। इस कंपनी का मुख्यालय देहरादून-हरिद्वार बाईपास स्थित ब्राह्मणवाला में है। यह कंपनी आरडी/एफडी बचत खाते आदि सेवाएं प्रदान करती है। यह भी आरोप है कि 2017 से 2020 तक कंपनी में करीब 200 करोड रुपए से अधिक की धनराशि एफडी के रुप में जमा की गई। अलग-अलग नामों से खोलें गये इन खातों की पड़ताल की गई, तो पता चला कि इनमें कई लोग (खातेधारक) मर चुके हैं, कुछ ऐसे भी हैं जो 5 से 6 साल की उम्र के हैं। जांच में यह भी सामने आया की जिन लोगों के नाम से एफडी चल रही है, उन्हें इसकी जानकारी ही नही है। पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार ने अपनी पत्नी का इस्तीफा दिलवा दिया। पिछले दिनों शासन ने मामले की जांच सीबीसीआईडी से कराने के निर्देश दिए थे। पुलिस मुख्यालय ने कंपनी की गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू को सौंप दी है। मैंने कई बार ईओडब्ल्यू की जांच को दबाने और आरोपियों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार को आगाह किया ओर चेताया भी कि यदि जाँच निष्पक्ष नही हुई, तो वह केंद्रीय जांच एजेंसियों से उक्त प्रकरण की जांच की मांग करूँगा।वर्ष 2018 में आरबीआई ने मुख्य सचिव से उक्त कंपनी में धोखाधड़ी कर मामले की जांच कराने की मांग की थी, तो शासन ने एसटीएफ का गठन किया था, तो इसके बाद उक्त कंपनी की पत्रावली ओर जरूरी सबूत ही गायब कर दिए है, यदि समय रहते सरकार ने कार्यवाही की होती तो आज राज्य में LUCC जैसी कंपनी हजारों लोगो को ठगने में कामयाब नहीं होती।

आज सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है ओर खातेधारको से जबरन कबूलनामा लिया जा रहा है। इस राज्य के 200 करोड़ काले धन को सफेद कर दिया गया और सरकार चुपचाप बैठी है , आखिर क्या गठजोड़ है ये ? केसी पवाँर आख़िर किस का दामाद है ? ये वही केस पवाँर जो अपने काले धंधा को ढँकने के लिए राज्य में एक न्यूज़ चैनल भी चलाता है। मेरा आपसे निवेदन है इस कंपनी के ख़िलाफ़ ED की जाँच के आदेश दें अन्यथ मैं ये मानूँगा आप और त्रिवेंद्र रावत दोनों एक हो हो और आप भर्ष्टचार को जानबूझकर संरक्षण दे रहे हो।

