मंत्री प्रेमचंद जी के नाम खुला पत्र!!

by | Jan 15, 2025

वाह भई वाह…. मंत्री जी ।। कभी सड़कों पर लोगों को पीटते नजर आते हो , कभी अपने अपनो को बैकडोर से नौकरी लगवाते हो। अब बेटे के रिजॉर्ट बनाने के लिए संरक्षित प्रजाति के पेड़ ही कटवा दिए। शायद उत्तराखंड को बपौती मानते हैं कि कोई क्या कर लेगा ??

प्रेमचंद अग्रवाल ,भाजपा के एकमात्र ऐसे विधायक और मंत्री हैं जो किसी से नहीं डरते हैं तभी तो कारनामे पर कारनामे करते हैं।

नगर निकायों में शहरी विकास मंत्री रहते हुए आपने बाबुओं को ईओ अधिशासी अधिकारी बना दिया , जो कल तक बजट का गुणा भाग करते थे वो आज नगर निकायों को चला रहे हैं और जनप्रतिनिधियों को कुछ नहीं समझते ?? धमकाने तक का काम करते हैं । क्यों ऐसा सिस्टम बना रहे हो मंत्री जी ??

अगर मंत्री प्रेमचंद जी कभी निर्दलीय चुनाव लड़ लें तो पता चल जाएगा कि कितने गहरे पानी में हैं। शायद खुद के परिवार का वोट भी पड़े ??

कभी बेटे को नौकरी लगवाने वाले मामले में ,कभी विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में ,कभी सरेआम युवक को पीटने के मामले में ,कभी रिसॉर्ट के लिए जंगलों को काटने के मामले में … आप अव्वल ही रहे हैं। सुना है कोड़ियाला नामक स्थान पर भी कुछ बड़ा रिसॉर्ट बनाने के लिए पूरा पहाड़ ही खोद डाला है…!!!

भाजपा की न जाने ऐसी क्या मजबूरी है जो सबसे विवादित मंत्री पर इतनी मेहरबान है। और मेरी बात नोट रखना इन्हीं मंत्री जी की वजह से आने वाले भविष्य में भाजपा को खासा नुकसान भी होगा।

मेरा पत्र लिखने का एक ही उद्देश्य है कि जनप्रतिनिधियों को यदि जनता विश्वास करके चुनती है तो जनप्रतिनिधियों का फर्ज है कि वो ईमानदारी से अपने पद की गरिमा बनाते हुए जनहित के काम करें पर यहां तो उल्टा ही है जनता से वोट लेने के बाद ,चुने जाने के बाद कई लोग जनता से ही गुंडई और दादागिरी करने लगते हैं और अपना घर भरने में जुट जाते हैं।
अफसोस की बात है कि 42 शहादतों के बाद बने इस राज्य उत्तराखंड के कई नेता मंत्री भी ऐसे निकले जिन्हें जन सरोकारों से कोई लेना देना नहीं ,इन्हें सिर्फ ट्रांसफर ,पोस्टिंग ,टेंडर ,खरीद ,फरोख्त के मामले में लेना देना होता है।

प्रेमचंद जी ….. यदि समय और भाग्य ने आपको जनसेवा करने के लिए पद दिया है तो उसका सम्मान कीजिए !!! मंत्री जैसी कुर्सी पर बैठने के बाद भी यदि जीवन का उद्देश्य नहीं समझ पाए तो समय आपको इसका जल्द जवाब देगा ।।