मेरा ये पत्र सभी मेरे उत्तराखण्डियों के लिए है। विषय बेहद गंभीर है।

by | Dec 3, 2024

मेरा ये पत्र सभी मेरे उत्तराखण्डियों के लिए है। विषय बेहद गंभीर है। मैं अन्य नेताओं की तरह उत्तराखंडियत का राग अलापते हुए राजनीति करने में विश्वास नहीं रखता क्योंकि मैं सिर्फ और सिर्फ काम करने , जनहित और लोगों की मदद में विश्वास रखता हूं।
विषय बड़ा गंभीर है । इस पूरी पोस्ट में कहीं मेरी कलम से कोई अपशब्द भी निकले तो पहले ही माफी की गुंजाइश चाहता हूं।

अरे !! मेरे उत्तराखंड के शेर के रंग में रंगे सियार नेताओं…सिर्फ मैं…मेरा परिवार…मेरा बच्चा..मेरा बैंक बैलेंस …मेरा बंगला, मेरी कोठी .!! यहीं तक सीमित रहोगे या वास्तव में शहादत से बने इस उत्तराखंड के लिए भी कुछ दिल से सोचेंगे??
अरे… जो कुछ भी कमा रहे हो सब यहीं छूट जाएगा …. सिर्फ तुम्हारे काम ,तुम्हारी अच्छाइयां ही याद की जाएगी ।

गढ़वाली जी के नाम पर राजनीतिक रोटियाँ सेकने के कार्यक्रम

  1. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना
    पर्यटन आधारित स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने वाली योजना।
    होटल, ट्रैवल एजेंसी, फास्टफूड सेंटर, और अन्य पर्यटन गतिविधियों के लिए सहायता उपलब्ध है
  2. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली होम स्टे योजना
    होम स्टे के माध्यम से पर्यटकों को स्थानीय अनुभव प्रदान करने और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने की योजना।

संस्थान:

  1. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार
    यह विश्वविद्यालय बागवानी, वानिकी और कृषि अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध है।
    मुख्य परिसर पौड़ी गढ़वाल जिले के भरसार में स्थित है।
  2. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, श्रीनगर
    मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए स्थापित संस्थान।
  3. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पहाड़ी कृषि महाविद्यालय
    पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि अनुसंधान और शिक्षा के लिए विशेष महाविद्यालय।

आज मैं बात करने जा रहा हूं महान वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के परिवार के बारे में ……!! जिन वीर चंद्र सिंह जी ने आजादी के आंदोलन में अपनी एक बड़ी भूमिका निभाई … पेशावर कांड के महानायक के रूप में उभरे …. आज वो सिर्फ सरकारी योजनाओं तक सिमट कर रह गए। जिन के नाम पर सरकारों ने कई कई परशेंट सब्सिडी पर योजनाएं संचालित की हैं …..आज उनके परिवार की क्या स्थिति है ? इसके बारे में किसी को नहीं पता??
आज गढ़वाली जी के परिवार की जमीन तक उनके नाम पर नहीं हो पा रही है । उनके परिवार ने एडी चोटी का जोर लगा दिया अधिकारी से लेकर मंत्रियों की चौखट पर जाते जाते चप्पलें घिस गई पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जिन गढ़वाली जी के नाम पर वीर चंद्र सिंह स्वरोजगार योजना है उनके पोते प्रधुमंन तक को एक स्वरोजगार मुहैया नहीं हो पाया ।
क्यों ये योजनाएं चलाते हो …? जब हमारे वीर चंद्र सिंह जी के परिवार तक को सुविधाएं नहीं दे पाए।
मैने देहरादून/गैरसैंण सत्र में जब ये सवाल उठाया तो कई विधायक और मंत्रियों ने कहा था कि इस परिवार की सुध ली जाएगी??

फिर क्या हुआ ??

धिक्कार है… डूब मरो… शर्म करो बेशर्मों….!!! जब हम अपने इस वीर परिवार के लिए भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।। फिलहाल तो मैं इस परिवार के लिए जो भी कर रहा हूं यहां उसका व्याख्यान नहीं करूंगा पर इस परिवार के पौत्र प्रधुमंन को अपने ही संस्थान में रोजगार दे रहा हूं।

पर अफसोस…. !!! गढ़वाली जी के नाम पर राजनीति करने वालों के लिए !!

लिखने के लिए बहुत कुछ है पर … सोचना .. विचार विमर्श करना… और टिपण्णी भी जरूर करना….. कि क्या इस प्रदेश का निर्माण इसलिए हुआ था कि जब यहां अपनों लिए कुछ नहीं है।
धिक्कार है ऐसी नीति रीतियों के लिए !!!
उत्तराखंड की जनता से भी निवेदन करता हूं कि इस विषय पर गंभीरता से मनन चिंतन करना कि आखिर यहां पात्र लोगों को क्यों नहीं कोई सुविधा मिल पा रही है?