त्रिवेंद्र जी , अब मैं कुछ कह दूँगा तो फिर कहोगे कि मुझे झाँपू क्यों बुलाया ।

by | Apr 3, 2025

संसद में शेर आज थका हारा सोता हुआ नजर आया। भरी संसद में जहां देश के गृहमंत्री महत्वपूर्ण बात रख रहे थे वहां शेर झंपकियां लेता हुआ नजर आया । झांपिकियाँ शब्द से ध्यान आया …जब उत्तराखंड की जनता ने झांपू नाम से नामकरण किया था। मैने तो कई बार लिखा भी बोला भी कि क्यों किसी को झाँपू बोलते हो यार? फिर भी जनता लिखती रही । फिर भी लोग लिखते रहे ,बोलते रहे। फिर किसी विशेषज्ञ ने बताया कि काले सोने जैसा कोई पदार्थ होता है जिसके सेवन से व्यक्ति झांपू टाइप बन जाता है।
शायद इसका ही कुछ असर हो जो शेर को झंपकियां आ रही हों।

वैसे स्वान निंद्रा विद्यार्थियों के लिए अच्छी मानी जाती है । शास्त्रों में भी इस बात का जिक्र है कि विद्यार्थीयों के पांच लक्षण हैं: काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा, अल्पाहारी और गृहत्यागी।

वहीं शास्त्रों में ही जिक्र है कि जो लोग विद्यार्थी नहीं हैं उनके लिए स्वान निंद्रा उचित नहीं मानी जा सकती